पटना से रांची यात्रा के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस बेहतर है या जनशताब्दी? यहां जानें सबकुछ!

Patna – Ranchi Vande Bharat Express vs Jan Shatabdi : पटना और रांची के बीच वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत हो चुकी है मंगलवार को इश्क ट्रेन का शुरुआत किया गया| जिसे बिहार के राजधानी पटना से झारखंड की राजधानी रांची के बीच चलाया गया| चलिए आइए जानते हैं कौन सा ट्रेन आपके लिए बेहतर होगा वंदे भारत या जनशताब्दी|

Vande Bharat Express vs Janshatabdi : वंदे भारत एक्सप्रेस बिहार की राजधानी पटना झारखंड की राजधानी रांची के बीच शुरुआत हो चुकी है| यह ट्रेन सप्ताह में 6 दिन चलेगी इसे मंगलवार को नहीं चलाया जाएगा| यह अपना पूरा सफर पटना से रांची 6 घंटे में पूरा कर रही है|

जनशताब्दी और वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की टाइमिंग आसपास है लगभग दोनों एक ही टाइम पर पटना से खुलकर राशि पहुंच रही है और वही राशि से खुलकर पटना पहुंच रही है|

अब यह पैसेंजर को तय करना है तो उनको कौन सी ट्रेन से पटना या रांची जाना चलिए आज हम बात करेंगे कि कौन सी ट्रेन में कंफर्ट, स्पीड किराया ,समय कितना लगता है|

टाइमिंग

बंदे भारत चलने से पहले इस रूट पर सबसे स्पीड चलने वाली ट्रेन जनशताब्दी थी जो कि सुबह पटना से 6:10 में खुलती थी और वही राशि 1:55 में पहुंच जाती थी इस पूरे रास्ते को कवर करने के लिए जनशताब्दी 7 घंटे 55 मिनट लेती थी|

वहीं अगर बंदे भारत की बात करें तो पटना से वह जनशताब्दी से 1 घंटे लेट 7:00 बजे खुलती है और रांची 1:00 पहुंच जाती है| जो कि अपनी पूरी रास्ते को कवर करने के लिए 6 घंटे की समय लेती है|

स्टॉपेज

जनशताब्दी पटना से चलकर तरेगना, जहानाबाद, गया ,कोडरमा,हजारीबाग रोड, पारसनाथ, गोमोह, चंद्रपुरा, बोकारो और मुरी रुकते हुए रांची पहुंचती है। इस क्रम में वक्त लग पूरे 10 स्टेशनों पर रुकेगी| वही बंदे भारत एक्सप्रेस गया, कोडरमा, हजारीबाग टाउन, बरकाकाना और मेसरा में रुकती है। इस पूरे जर्नी को कवर करने में यह कुल 6 स्टॉपेज पर रुकेगी|

वंदे भारत और जनशताब्दी के किराये में भारी अंतर

बंदे भारत और जन शताब्दी ट्रेन में किराए में भारी अंतर है| अगर हम बात करें जनशताब्दी की तो उसमें आपको नॉन एसी चेयर कार की किराया 195 है वही एसी चेयर कार का कुल किराया ₹650 है|

वहीं अगर वंदे भारत एक्सप्रेस की बात करें तो आपको इकोनामिक क्लास में ₹1025 का भुगतान करना पड़ेगा वही एजुकेटिव क्लास में 1930 का भुगतान करना पड़ेगा| जो कि जनशताब्दी के मुकाबले डेढ़ गुना से भी ज्यादा है।

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